मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे! मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे!
शब्दों के इस चक्रव्यूह से खुद को तुमने जो बचा लिया समझो पाई जय जग में तुमने मन अपना नाम कमा... शब्दों के इस चक्रव्यूह से खुद को तुमने जो बचा लिया समझो पाई जय जग में तुमन...
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है , मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है ,
शब्दों के मीठेपन से अगवानी, कर के तो देख़ो। शब्दों के मीठेपन से अगवानी, कर के तो देख़ो।
नैतिकता कपोल कल्पना नहीं नैतिकता विडम्बना नहीं नैतिकता निष्काम कर्म धर्म जीवन संसार नैतिकता कपोल कल्पना नहीं नैतिकता विडम्बना नहीं नैतिकता निष्काम कर्म धर्म ...